तेलंगाना दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान सीएम केजरीवाल के पीएम मोदी की उम्र को लेकर दिए गए बयान पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की. शाह ने कहा कि ‘मैं अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी और पूरे इंडी अलायंस को कहना चाहता हूं कि मोदी जी 75 साल के हो जाएं इससे आपको आनंदित होने की जरूरत नहीं है’.
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फिलिस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के लिए किया क्वालीफाई, भारत समेत 143 देशों ने किया समर्थन – UN General Assembly backs Palestinian bid for membership
फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के लिए शुक्रवार (10 मई) को वोटिंग हुई. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत समेत कुल 143 सदस्यों ने फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्य बनाए जाने के लिए समर्थन में वोट किया. वहीं 9 वोट इसके विरोध में पड़े, जिसमें अमेरिका और इजराइल भी शामिल हैं, जबकि 25 देश वोटिंग से अनुपस्थित रहे. हालांकि अभी फिलिस्तीन सदस्य नहीं बना है, सिर्फ इसके लिए क्वालीफाई कर पाया है.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता के लिए फ़िलिस्तीन के प्रस्ताव पर बात गाजा पट्टी में इज़रायल और हमास के बीच युद्ध के सात महीने बाद हुई है. कारण, इज़रायल कब्जे वाले वेस्ट बैंक में अपनी बस्तियों का विस्तार कर रहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र अवैध मानता है.
भारत समेत 143 देशों ने UNGA के प्रस्ताव के मसौदे के पक्ष में वोटिंग करते हुए फिलिस्तीन को सदस्य बनने योग्य माना है. ड्राफ्ट में कहा गया था कि फिलिस्तीन योग्य है और पूर्ण सदस्य देश के रूप में उसे शामिल किया जाना चाहिए. इसमें सिफारिश की गई कि सुरक्षा परिषद इस मामले पर एक बार फिर से विचार करे.
संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी के राजदूत रियाद मंसूर ने मतदान से पहले महासभा को बताया, “हम शांति चाहते हैं, हम आजादी चाहते हैं. हां का वोट फ़िलिस्तीनी अस्तित्व के लिए है, यह किसी राज्य के खिलाफ नहीं है. यह शांति के लिए है.”
मंसूर के बाद बोलने वाले संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने वोटिंग की निंदा की और कहा कि संयुक्त राष्ट्र अब ‘आतंकवादियों’ का स्वागत कर रहा है. इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा, “जब तक आप में से बहुत से लोग ‘यहूदी-घृणा’ कर रहे हैं, तब तक आपको वास्तव में परवाह नहीं है कि फिलिस्तीनी ‘शांति-प्रेमी’ नहीं हैं. UN की स्थापना इसलिए की गई थी ताकि दुनिया में कोई भी अत्याचारी (नाजी) अपना सर न उठा पाए. आज इसका बिल्कुल उलटा हो रहा है. एक आतंकवादी राज्य को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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‘कॉशन मनी’ के नाम पर फ्रॉड, रिटायर्ड इंजीनियर से ऐसे खाते में ट्रांसफर करा लिए 1 करोड़ 60 लाख – Cyber Fraud Retired Engineer Cheated of 1 Crore 60 Lakhs How to stay safe ttec
स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा ही एक तरीका पार्सल स्कैम का है. हालांकि, साइबर क्रिमिनल्स अपने अपराध के तरीकों में थोड़ा बहुत फेरबदल करते रहते हैं, जिससे लोगों को आसानी से फंसाया जा रहे. ऐसा ही एक मामला मंगलुरु से सामने आया है.
यहां स्कैमर्स ने एक रिटायर्ड इंजीनियर से 1.6 करोड़ रुपये की ठगी की है. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि स्कैमर्स ने पीड़ित से जांच के लिए ‘कॉशन मनी’ के नाम पर ठगी की है. दरअसल, स्कैमर ने खुद को एक इंटरनेशनल कुरियर सर्विस का कर्मचारी बताते हुए रिटायर्ड इंजीनियर को कॉल किया था.
क्या है पूरा मामला?
स्कैमर ने पीड़ित को बताया कि उनके नाम पर एक पार्सल मिला है, जिसमें ड्रग्स और कई डॉक्टूमेंट्स मिले हैं. जांच एजेंसियों को इस बारे में जानकारी है. पुलिस ने बताया कि स्कैमर्स ने पीड़ित से कॉशन डिपॉजिट के लिए कहा. कॉशन डिपॉजिट यानी जांच के लिए पैसे जमा करने के लिए कहा था.
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ठगों ने कहा कि जांच के बाद उनके पैसे रिटर्न कर दिए जाएंगे. पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने स्कैमर्स के जाल में फंसकर 1.6 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. कथित ट्रांजेक्शन 2 मई से 6 मई के बीच हुए हैं. मामले का खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित ने अपनी बेटी को इसके बारे में जानकारी दी. पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है.
कैसे फंसाते हैं स्कैमर्स?
पार्सल के नाम पर अब तक कई फ्रॉड्स हो चुके हैं. ज्यादातर मामलों में स्कैमर्स लोगों को फोन करते हैं और बताते हैं कि उनके नाम पर एक इंटरनेशनल पार्सल मिला है. इसमें ड्रग्स और कुछ डॉक्यूमेंट्स मिले हैं, जिसकी जांच अब सेंट्रल एजेंसियां करेंगी. कई बार आधार कार्ड मिलने की बात भी कहते हैं.
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यहां से स्कैमर्स अपने फ्रॉड का तरीका कई बार बदल देते हैं. कुछ लोगों को डिजिटल अरेस्ट किया जाता है और जांच से बचने के लिए उनसे पैसे लिए जाते हैं. वहीं हाल के मामले में जांच के नाम पर कॉशन मनी लिया गया है. इसमें फ्रॉड्स ने बोला था कि जांच के बाद उनके पैसे वापस कर दिए जाएंगे.
कैसे बच सकते हैं आप?
डिजिटल वर्ल्ड में सुरक्षित रहने के लिए आपका जागरूक रहना जरूरी है. कुछ बातों का ध्यान रखकर आप खुद को किसी भी साइबर फ्रॉड से बचा सकते हैं. इसके लिए आपको सतर्क रहने की जरूरत है. सबसे पहले आपको किसी अनजान शख्स से अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर नहीं करनी चाहिए.
अगर कभी आपको अनजान नंबर से फोन आता है और जांच के नाम पर धमकाया जाता है, तो आपको घबराना नहीं चाहिए. जांच एजेंसियां आपको फोन करके कार्रवाई नहीं करती हैं. इसलिए आपको ऐसे किसी भी मामले की जानकारी तुरंत ही साइबर क्राइम पुलिस को देनी चाहिए. आप ऐसे साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों की जानकारी 1930 पर भी दे सकते हैं.
- कभी भी अपनी बैंकिंग डिटेल्स को किसी से शेयर ना करें.
- फोन पर आने वाली अनजान लिंक्स पर क्लिक ना करें.
- अगर किसी साइबर फ्रॉड का शिकार होते हैं, तो तुंरत पुलिस को इसकी जानकारी दें.
- अनजान शख्स के कहने पर अपने फोन में कोई ऐप डाउनलोड ना करें. स्कैमर्स कई बार रिमोट एक्सेस वाले ऐप्स को डाउनलोड करवाते हैं, जिससे आपके फोन को कंट्रोल कर सकें.
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2014 से 2024 तक… ‘सुपर नमो’ के जरिए देखिए मोदी राज में क्या-क्या हुआ!
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सेप्टिक टैंक, जहरीली गैस और 4 मौतें… सफाई के दौरान हुआ हादसा, एक दूसरे को बचाने में गई जान – Chandauli four sanitation workers died while cleaning septic tank toxic gas created chaos lcla
उत्तर प्रदेश में चंदौली (Chandauli) के दीनदयाल नगर में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान बड़ा हादसा हो गया. यहां जहरीली गैस (Toxic gas) से चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. मृतकों में मकान मालिक का बेटा और तीन सफाई कर्मी शामिल हैं. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सेप्टिक टैंक से चारों को जैसे तैसे बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में डॉक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया.
दरअसल, मुगलसराय कोतवाली के दीनदयाल नगर स्थित वार्ड नंबर 20 के निवासी भरत जायसवाल के घर में बीती रात सेप्टिक टैंक की सफाई हो रही थी. इसमें तीन सफाई कर्मियों को लगाया गया था. जैसे ही एक सफाई कर्मी सेप्टिक टैंक में उतरा तो वह जहरीली गैस की वजह से बेहोश हो गया.
सफाईकर्मी को बचाने के लिए दूसरा और फिर तीसरा मजदूर नीचे उतर गया, लेकिन सेप्टिक टैंक के अंदर जहरीली गैस से सभी बेहोश हो गए. तीनों मजदूरों के बाद मकान मालिक भरत जायसवाल का बेटा सेप्टिक टैंक में उतर गया, लेकिन वह गैस की चपेट में आ गया और बेहोश हो गया.
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इस घटना के बाद कोहराम मच गया. आनन फानन में लोगों ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने सेप्टिक टैंक से चारों लोगों को बाहर निकलवाया और अस्पताल भिजवाया, लेकिन तब तक चारों की मौत हो चुकी थी. पुलिस ने चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है.
सेप्टिक टैंक की घटना में इन लोगों की गई जान
मुगलसराय कोतवाली पुलिस ने कहा कि भरतलाल जायसवाल के घर में सीवर की सफाई करने 35 वर्षीय विनोद रावत, 30 वर्षीय लोहा पुत्र अथामी, 40 वर्षीय कुंदन पुत्र दया की जहरीली गैस से तबीयत खराब हो गई. इनको अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. विनोद रावत को ट्रॉमा सेंटर वाराणसी ले जाया गया, जहां विनोद को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. इन सबको बचाने के लिए मकान मालिक का लड़का 23 वर्षीय अंकुर जायसवाल भी टैंक में उतरा था, उसकी भी जहरीली गैस से मौत हो गई है.
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मुस्लिम आरक्षण Vs तुष्टिकरण को लेकर जमकर उलझे आशुतोष और संगीत रागी
देश में इस वक्त आरक्षण के नाम पर चल रही चुनावी सियासत जोरों पर हैं. मुसलमानों को आरक्षण वाले मुद्दे पर एक बार फिर बयानों की धार चढ़ाई गई. ऐसे में सवाल यही है कि क्या धर्मनिरपेक्ष देश का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की इजाजत देता है? इसी मुद्दे पर आजतक पर चर्चा के दौरान आशुतोष और संगीत रागी के बीच जमकर नोकझोक हुई. देखें वीडियो.
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पहली बार देने जा रहे हैं वोट? यहां क्लिक कर देखें वर्चुअल पोलिंग बूथ
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calcium ko raat me kyon nahi lena chahiye. रात में कैल्शियम क्यों नहीं लेना चाहिए।
कैल्शियम हड्डियों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के अलावा दिल को भी स्वस्थ रखता है। हालिया शोध बताते हैं कि डिनर में कैल्शियम लेने से हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है। वहीं सुबह के नाश्ते में कैल्शियम लेना हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
कैल्शियम हड्डियों और मसल्स को मजबूती देता है। हृदय, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को भी ठीक से काम करने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कैल्शियम विटामिन डी के साथ मिलकर हड्डियों के स्वास्थ्य के अलावा कैंसर, मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर से भी बचाव कर सकता है। मगर जरूरत से ज्यादा कैल्शियम लेना और गलत तरीके से लेना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए एक्सपर्ट से जानते हैं क्या है कैल्शियम लेने (Right way to have calcium) का सही तरीका और समय।
क्या कहता है शोध (Research on calcium intake)
अधिक कैल्शियम का सेवन हार्ट हेल्थ के लिए नुकसानदायक है। हालिया अध्ययन बताते हैं कि रात के खाने में कैल्शियम का सेवन अधिक करने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। इसकी बजाय नाश्ते में इसका सेवन करना चाहिए।
बीएमसी पब्लिक हेल्थ (BMC) जर्नल में कैल्शियम के सेवन पर अध्ययन प्रकाशित हुआ। इसमें 2003- 2018 के बीच 36,000 से अधिक अमेरिकी एडल्ट के डाइट कैल्शियम सेवन की जांच की गई। अध्ययन में भाग लेने वाले 17456 पुरुष और 18708 महिलाएं थीं।
इसमें 4040 हृदय रोग के रोगी थे। उनके सुबह और शाम के भोजन से कैल्शियम सेवन को लगातार जांचा गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि रात के खाने में कैल्शियम के सेवन से 5% हृदय रोग का जोखिम बढ़ गया।
हृदय पर पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. निरंजन बताते हैं, ‘कैल्शियम के सेवन को नाश्ते में लेने से यह जोखिम कुल मिलाकर 6% कम हो गया। लेखकों ने माना कि रात में कैल्शियम सेवन करने से हृदय रोग का खतरा बढ़ने के जोखिम के सबूत पर्याप्त नहीं हो सकते हैं। इसके बावजूद अध्ययन इस बात पर जोर देता है कि बहुत अधिक या बहुत कम कैल्शियम का सेवन हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।’
क्या रात में नहीं खाना चाहिए कैल्शियम (calcium at night)
एक्सपर्ट बताते हैं कि कैल्शियम दोपहर या शाम को नहीं लेना चाहिए। कैल्शियम आसानी से जमा हो जाता है। इसमें जमा होने की क्षमता होती है। कैल्शियम ऑक्सालेट आसानी से बनने के कारण अन्य बीमारियों जैसे कि किडनी स्टोन, यूरीनरी ब्लैडर स्टोन, कब्ज और आमतौर पर बच्चों में सोने में परेशानी का खतरा बढ़ जाता है।
बढ़ जाती है कैल्सिफिकेशन की संभावना (Calcification in heart)
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. निरंजन बताते हैं, ‘आम तौर पर कैल्शियम की कमी वाले वयस्क को एक दिन में लगभग 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। यदि कोई व्यक्ति कैल्शियम सप्लीमेंट ले रहा है, तो इसे नाश्ते और दोपहर के भोजन के बाद दो भागों में बांट लें। इससे शरीर कैल्शियम को धीरे-धीरे अवशोषित कर सकेगा। यह अधिक प्रभावी होता है। दोपहर या शाम को कैल्शियम नहीं लेना चाहिए, खासकर रात 9 बजे के बाद। इससे कैल्सिफिकेशन की संभावना बढ़ जाती है।’
ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन (Blood flow and oxygen supply)
कैल्शियम इस बात का संकेत देता है कि आर्टरी में कितना फैट जमा हुआ है। इस जमी हुई सामग्री में कैल्शियम होता है। हार्ट आर्टरी में प्लाक दिल के दौरे का मुख्य कारण है। यदि प्लाक का कोई टुकड़ा टूट जाता है, तो उसके चारों ओर ब्लड क्लॉट हो सकता है। इससे हृदय में ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन की आपूर्ति अवरुद्ध हो सकती है।
सोने से पहले दूध पीएं या नहीं
ध्यान देने वाली बात यह है कि कैल्शियम मस्तिष्क को नींद लाने वाले पदार्थ मेलाटोनिन के निर्माण में मदद करता है। यह एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन का उपयोग करने में मदद करता है। डेयरी प्रोडक्ट में ट्रिप्टोफैन और कैल्शियम दोनों होते हैं। यह नींद लाने वाले शीर्ष खाद्य पदार्थों में से एक हैं। इसलिए सोने से पहले दूध पीने की सलाह दी जाती है।
दूध के साथ कैल्शियम सप्लीमेंट लें या नहीं (calcium supplement with milk)
दूध के साथ कैल्शियम सप्लीमेंट नहीं लेना चाहिए। इसका कारण यह है कि दूध में कैल्शियम की मात्रा और कैल्शियम की गोलियों में कैल्शियम की मात्रा अवशोषण प्रक्रिया में एक- दूसरे के गुणों पर प्रभाव डाल सकती है।
इससे कैल्शियम को अवशोषित करने में शरीर की प्रभावशीलता कम हो जाती है। कैल्शियम को नाश्ते के लगभग 1 घंटे बाद और दूध लेने के समय से काफी पहले लेना सबसे अच्छा होता है।
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